एयर इंडिया यात्रियों के सफर के आनंद में खलल? … तो नहीं मिलेगा सलाद, नहीं दिखेंगी मनमाफिक पत्रिकाएं
नई दिल्ली: अगर आप एयर इंडिया (Air India) से यात्रा करते हैं या हाल फिलहाल यात्रा करने जा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. हो सकता है जल्द ही आपको उड़ान के दौरान न तो भोजन में सलाद मिले और न ही मनमाफिक पत्रिकाएं मिलें. हालांकि एयर इंडिया द्वारा इन चीजों को अमल में लाना है या नहीं, इस पर फैसला नहीं लिया गया है लेकिन कर्मचारियों से मिले इस प्रकार के सुझावों पर वरिष्ठ अधिकारी गंभीरता से विचार कर रहे हैं.
विमानन कंपनी एयर इंडिया अब अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में इकॉनमी श्रेणी के यात्रियों को खाने में सलाद नहीं परोसने के बारे में विचार कर रही है. इसके अलावा लागत घटाने के लिए वह विमान में रखी जाने वाली पत्रिकाओं की संख्या कम करने के बारे में सोच सकती है. यह वह कुछ कदम हो सकते हैं जिनका प्रस्ताव एयर इंडिया के कर्मचारियों ने लागत घटाने के लिए किया है. बता दें कि एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी ने एक आंतरिक संवाद में कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारियों को आक्रामक तौर पर वाणिज्यिक स्वरूप अपनाने को कहा था. इसी क्रम में कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने लागत कटौती के विभिन्न उपाय सुझाए हैं.
‘सलाद हटा सकते हैं क्योंकि केवल 20 प्रतिशत यात्री ही सलाद खाते हैं’
सरकार एयर इंडिया के निजीकरण पर विचार कर रही है और उसने कंपनी को किसी तरह का राहत पैकेज देने से भी इंकार कर दिया है. लोहानी के अपने संवाद में कहा कि कंपनी के ऊपर चढ़ा भारी कर्ज उसकी स्थिति को कमजोर करता है. इसके बाद केबिन क्रू के एक प्रभारी समेत एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोहानी को पत्र लिखकर कहा, आज मेरी उड़ान के दौरान साथ कार्य कर रहे केबिन क्रू प्रभारी ने लागत घटाने का सुझाव देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में हम इकॉनश्रेणी के यात्रियों के भोजन से सलाद हटा सकते हैं क्योंकि केवल 20 प्रतिशत यात्री ही सलाद खाते हैं.
‘विमान के पर्दे और हुकों को हटाया जिससे उसका वजन घटा..’
इसी तरह विमान में ले जायी जाने वाली पत्रिकाओं की संख्या को भी कम किया जा सकता है जिससे विमान के कुल वजन में कमी आएगी और इससे ईंधन की लागत में कटौती होगी. अधिकारी ने सुझाव दिया कि विमान में हर सीट पर पत्रिका रखे जाने के बजाय केवल 25 प्रतियां मैगजीन स्टैंड पर रख दी जाएं. इससे विमान के वजन में कमी आएगी और ईंधन की लागत कम होगी. अधिकारी ने उदाहरण देते हुए बताया कि एक विमानन कंपनी ने विमान के पर्दे और हुकों को हटाया जिससे उसका वजन घटा और परिचालन लागत में कमी आयी.