उत्तराखंड चुनाव: भितरघात के अंदेशे से सहमे कांग्रेस प्रत्याशी
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस प्रत्याशियों को भितरघात से नुकसान का डर सता रहा है। प्रत्याशियों ने चुनावी जंग में बगलगीर रहे पार्टी के अपनों को ही निशाने पर लिया।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशियों को चुनाव में भितरघात से नुकसान का डर सता रहा है। गुरुवार को दून में मंथन को जुटे तकरीबन सभी प्रत्याशियों ने चुनावी जंग में बगलगीर रहे पार्टी के अपनों को ही निशाने पर लिया। भितरघातियों पर सख्त कार्रवाई की पुरजोर पैरवी की गई। वहीं पार्टी ने इस मामले में 11 मार्च को चुनाव नतीजे आने के बाद कदम उठाने के संकेत दिए हैं। भितरघात के बाद चुनाव में संसाधनों की कमी को लेकर नाराजगी रही। बैठक में मौजूद वरिष्ठ काबीना मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश ने भी माना कि पार्टी उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान संसाधनों की कमी से जूझना पड़ा।
बीती 15 फरवरी को मतदान के पखवाड़ेभर बाद प्रदेश संगठन ने प्रत्याशियों की बैठक बुलाई तो आखिर वही हुआ, जिसका अंदेशा जताया जा रहा था। कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की समीक्षा के लिए बुलाई गई इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों, विधानसभा क्षेत्रवार नियुक्त पर्यवेक्षकों के साथ कुल 69 प्रत्याशियों में 43 यानी 60 फीसद से ज्यादा संख्या में प्रत्याशी बैठक में मौजूद रहे। अधिकतर प्रत्याशियों ने भितरघात को लेकर चिंता जताई।
यहां तक कि जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त दिखने वाले प्रत्याशियों ने भी भितरघात का मुद्दा उठाया। बंद कमरे में हुई इस बैठक में कई वरिष्ठ मंत्री व मौजूदा विधायक भी उपस्थित रहे। मंत्रियों ने भी चुनाव में अंदरखाने अपनों की ओर से नुकसान पहुंचाने की कोशिशों से इन्कार नहीं किया।
धनोल्टी सीट पर पार्टी सिंबल मिलने के बाद चुनाव मैदान में डटे रहे प्रत्याशी मनमोहन मल्ल भी भितरघात को लेकर नाराजगी जताने से नहीं चूके। गौरतलब है कि मल्ल को पार्टी ने पहले सिंबल दिया, लेकिन बाद में निर्दलीय प्रत्याशी प्रीतम पंवार को समर्थन देने की घोषणा की थी। मल्ल के चुनाव मैदान में डटे रहने के बाद पार्टी को उनके समर्थन में उतरना पड़ा।
भितरघात का मुद्दा जिस तरह गूंजा, उससे यह भी तकरीबन साफ हो गया है कि 11 मार्च को चुनाव नतीजे आने के बाद इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर सिर फुटौव्वल बढ़नी तय है। बैठक में मौजूद कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर और प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि भितरघातियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने नतीजे आने के बाद ऐसे मामलों पर कार्रवाई के संकेत दिए। कांग्रेस उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार के लिए संसाधनों की कमी का मुद्दा भी उठाया। चुनाव प्रचार सामग्री से लेकर अन्य संसाधनों के लिए भी तरसने की शिकायत आम रही। बैठक में पार्टी प्रत्याशियों में शामिल काबीना मंत्री दिनेश अग्रवाल व नवप्रभात के साथ ही गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के कई प्रत्याशियों की गैर मौजूदगी भी चर्चा का विषय बनी रही।