आनंदीबेन पटेल की जगह कौन लेगा.
अहमदाबाद, । फेसबुक पर गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के एक दिन बाद अब लोगों का ध्यान इसी बात पर केंद्रित है कि राज्घ्य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले उनके विकल्प के रूप में बीजेपी किसे चुनती है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल और गुजरात के बीजेपी प्रमुख फिलहाल दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं।
बीजेपी अध्घ्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पार्टी की सर्वाेच्च बॉडी, संसदीय बोर्ड यह फैसला करेगा कि आनंदीबेन पटेल की जगह कौन लेगा.
आनंदीबेन पर गुजरात के दो महत्घ्वपूर्ण घटनाक्रम, पटेल आंदोलन और गो रक्षकों द्वारा चार युवाओं को निर्दयतापूर्वक पीटने के कारण उभरे दलितों के गुस्से के मामले को ठीक तरह से श्हेंडलश् नहीं कर पाने का आरोप लगा है. ऐसे में उनके उत्घ्तराधिकारी के सामने 2017 के विधानसभा चुनावों के पहले चीजों को प्राथमिकता के आधार पर ठीक करने की कठिन चुनौती होगी. स्घ्थानीय बीजेपी नेताओं की शिकायत है कि पार्टी ने लगभग 25 वर्ष के शासनकाल में जो लोकप्रियता हासिल की थी उसे आनंदीबेन ने नुकसान पहुंचाया है, लेकिन सीएम् के नजदीकी सूत्रों के अनुसार, आनंदीबेन का मानना है कि आंदोलनों को पार्टी में मौजूद उनके विरोधियों ने ही हवा दी.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत और पीएम मोदी के दिल्ली जाने के बाद, नरेंद्र मोदी ने आनंदीबेन को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चुना था. सूत्र बताते हैं कि आनंदीबेन पटेल राज्य के प्रशासन में अमित शाह के कथित हस्तक्षेप से परेशान थीं. बताया जाता है कि शाह के साथ उनके संबंध बहुत अच्घ्छे नहीं है. इन सूत्रों ने यह आरोप तक लगाया कि राज्घ्य के अधिकारी मुख्यमंत्री की अनदेखी करते हुए सीधे शाह के पास अप्रोच् करते थे. उन्घेंने कहा कि दबाव नहीं होता तो वे नवंबर में अपने 75वें बर्थडे के पहले पद नहीं छोड़तीं।
गुजरात के अगले सीएम पद की होड़ वाले नेताओं में विजय रुपानी भी हैं. जैन नेता रूपानी को अमित शाह और पीएम मोदी, दोनों का करीबी माना जाता है. राज्य के प्रशासन पर भी रूपानी की अच्घ्छी पकड़ बताई जाती है.।