आधे अधूरे फ्लाईओवरों को क्यों ……

देहरादून, । शहर में भले ही तीन फ्लाईओवर बनाकर सरकारों ने इसका श्रेय लेने की होड़ मची हो किन्तु इन फ्रलाईओवरो में सुरक्षा इंतजाम न किए जाने से आए दिन यहां वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इन आधे अधूरे फ्लाईओवरों को क्यों इतनी जल्दी पब्लिक के लिए खोल दिया गया। इतना ही नहीं  बात यह भी है कि छह किमी लंबे  बाइपास पर  एक भी जगह स्ट्रीट लाइट नहीं हैं। जिससे रात में हादसे की आशंका और प्रबल हो जाती है।  हरिद्वार बाइपास और हरिद्वार मार्ग के हादसे के एक नहीं बल्कि कई  कारण हैं। आये दिन मोकमपुर फ्रलाई ओवर के बाद कई लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे है। कई जगह अन्धेरे मे पता ही नही चल पाता किस ओर जाना है। मोकमपुर फ्रलाई ओवर पर कुछ दिन ही लाईट जली जो की कई  दिनो से बन्द है कई दुर्घटनाएं को आमंत्रित करती है। युवा उक्रान्द के केंद्रीय महामंत्री  सौरभ आहुजा ने कहा कि हरिद्वार रोड और बाईपास रोड ने पिछ्ले 7 सालों मे सरकार की लापरवाही के कारण कई लोगो की जान ले ली है दोनो ही राष्ट्रीय पार्टी बस उत्तराऽंड को बाबालूट रही है जिन्हे आम जनमानस से कोई सरोकार नही। कहीं रेत-बजपर गाड़ियां फिसल रहीं तो कहीं रेलवे ओवरब्रिज और फ्लाईओवर का निर्माण हादसे का कारण बन रहा।  सौरभ आहुजा ने कहा कि आइएसबीटी से हर्रावाला  तक सड़क किनारे सभी पेड़ व बिजली पोल पर चार फीट तक रिफ्रलेक्टर टेप लगाए जाने चाहिये और मार्ग पर जगह-जगह पटसड़क के नीचे है। वहां भरान कर उसे सड़क के लेवल में किया जाना चाहिये जिससे की दुर्घटनाएं रॉकी जा सके। अगर जल्द ही इस पर कार्यवाही नही हुई तो युवा उक्रान्द जनहित मे उग्र प्रदर्शन पर मजबूर होगा। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बल्लीवाला फ्लाईओवर को भी इसी तरह से अधूरा निर्माण कर खोल दिया गया था। यहां स्ट्रीट लाईटें तब लगाने की प्रशासन को सुध आयी जब कईं हादसे हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *