संयुक्त राष्ट्र ने वायु प्रदूषण से निपटने के भारत की कोशिशों को सराहा

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र ने दिल्ली सहित अन्य महानगरों में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने से लिये भारत के प्रयासों को अत्यधिक उत्साहजनक बताते हुये इसे विश्व के लिये अनुकरणीय बताया है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के कार्यकारी निदेशक इरिक सोलहिम ने आज यहां भारत को इस साल विश्व पर्यावरण दिवस का वैश्विक मेजबान घोषित करने से जुड़े सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते हुये कहा कि भारत ने विकास कार्यों और पर्यावरण संरक्षण के बीच बेहतर संतुलन कायम किया है. उन्होंने भारत को पर्यावरण दिवस की वैश्विक मेजबानी सौंपे जाने का स्वागत करते हुये कहा कि भारत का यह प्रयास विश्व के लिये नजीर साबित हुआ है. केन्द्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. हर्षवर्धन की मौजूदगी में सोलहिम और पर्यावरण सचिव सी के मिश्रा ने भारत को इस साल 5 जून को आयोजित होने वाले विश्व पर्यावरण दिवस का वैश्विक मेजबान घोषित करने संबंधी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये.

डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि भारत इस साल विश्व पर्यावरण दिवस का वैश्विक मेजबान होगा और इस वर्ष आयोजन की थीम ‘‘प्लास्टिक प्रदूषण की समाप्ति’’ होगी. सोलहिम ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से विकसित हो रहा है, इसके बावजूद विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन कायम करने का भारत ने बेहतर प्रयास किया है. उन्होंने कहा ‘‘यह पहल न सिर्फ भारतीयों के लिये बल्कि शेष विश्व के लिये भी बहुत महत्वपूर्ण है. क्षेत्रफल और आबादी के लिहाज से भारत बड़ा देश है, इसलिये भारत में जो कुछ भी होता है, वह शेष विश्व के लिये भी महत्वपूर्ण हो जाता है.’’ सोलहिम ने कहा कि भारत सरकार दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिये कारगर उपाय कर रही है.

इस दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्लास्टिक को वैश्विक स्तर पर गंभीर खतरा माना गया है, इसके मद्देनजर इस चुनौती से निपटने के लिये तथा प्लास्टिक के खतरे को खत्म करने के लिये यह शुरूआत की गयी है. उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस 2018 मात्र एक प्रतीकात्मक समारोह नहीं बल्कि एक मिशन है. डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों से पर्यावरण की देखभाल करने की जिम्मेदारी लेने का आह्वान करते हुये कहा कि भारत ने अपने पूर्वजों से प्रकृति के साथ तालमेल करते हुए जीवन जीना सीखा है. भारत के लिए पर्यावरण के मुद्दे केवल तकनीक से संबंधित नहीं है बल्कि वास्तविक नैतिक मुद्दे हैं. यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आंदोलन है. इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा आज की जरूरत है. यह संपूर्ण विश्व की मानवता के लिए आवश्यक है. डॉ. शर्मा ने कहा कि एक डॉक्टर के रूप में मैं स्वच्छ हवा के संदर्भ में दिल्ली व अन्य स्मार्ट शहरों के दुर्भाग्य को समझ सकता हूं.
इससे पहले डा. हर्षवर्धन ने लोधी रोड स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में इलेक्ट्रिक कारों के लिए पहले विद्युत चार्जिंग सुविधा केन्द्र का भी शुभारंभ किया. इसके बाद वह डॉ. शर्मा और सोलहिम के साथ इलेक्ट्रिक कार से मंत्रालय पहुंचे.

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