16 सितंबर से ट्रैकिंग रूट खुलेगें

बागेश्‍वर । पिंडारी, कफनी और सुंदरढूंगा की साहसिक यात्रा करने के इच्छुक ट्रैकरों के लिए अच्छी खबर। 16 सितंबर से ट्रैकिंग रूट खुलने के बाद वे हिमालय के मनोहारी नजारों का दीदार कर सकेंगे। हालांकि, ट्रैकिंग रूट खराब होने के कारण उन्हें ट्रैकिंग के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बागेश्वर की जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने बताया कि ग्लेशियर की यात्रा साहसिक है। वन विभाग ने मार्ग पर चैक पोस्ट बनाए हैं। वहां एंट्री दर्ज कराने के बाद ही ग्लेशियर की तरफ जाना होगा। 15 जून से 15 सितंबर तक उच्च हिमालय की तरफ जाने पर पाबंदी है। अब बरसात का सीजन खत्म होने को है और 16 सितंबर से ट्रैकिंग रूट खोल दिए जाएंगे। यह हिमालय के करीब जाने का भी अनुकूल समय होता है। सो, नवंबर तक ट्रैकर पिंडारी, कफनी और सुंदरढूंगा की ट्रैकिंग पर जा सकेंगे। इसके लिए वन विभाग, पर्यटन विभाग और टीआरसी ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।लोनिवि कपकोट के सहायक अभियंता ओंकार पांडेय बताते हैं कि पिंडारी ग्लेशियर जाने वाले ट्रैकिंग रूट पर कई जगह भूस्खलन हुआ है। खाती गांव तक ही ग्रामीण मुश्किल से पहुंच पा रहे हैं। द्वाली में पिंडार नदी पर बना लकड़ी का पैदल पुल और कई जगह पैदल रास्ते भी बह गए हैं।
मौसम साफ होते ही लोनिवि की टीम रास्तों का निरीक्षण करेगी। समुद्रतल से 3832 मीटर ऊंचे पिंडारी ग्लेशियर पहुंचने के लिए बागेश्वर से चार दिन का समय लगता है। बेस कैंप बागेश्वर से कपकोट-कर्मी-धूर-खरकिया तक सड़क मार्ग है। इसके बाद खाती, फुरकिया, द्वाली और खरकिया खास पड़ाव हैं। सौंग-लोहारखेत, धाकुड़ी, खाती, द्वाली, फुरकिया जीरो प्वाइंट तक पैदल रास्ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *