सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को भेजा नोटिस

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर एक ओर जहां ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली, वहीं दूसरी ओर चुनाव के बाद पुरुलिया में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है।प्रदेष भाजपा की ओर से पार्टी कार्यकर्ताओं की कथित हत्या की जांच सीबीआइ को सौंपे जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति अषोक भूशण की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में हलफनामा जमा देने का निर्देष दिया है।गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के बाद पुरुलिया जिले में एक के बाद एक तीन भाजपा कार्यकर्ताओं- त्रिलोचन महतो, दुलाल कुमार और षक्तिपद सरकार की संदिग्ध परिस्थिति मौत हो गई थी। भाजपा का षुरू से ही आरोप है कि जंगलमहल के झाड़ग्राम, पुरुलिया व इससे संलग्न इलाकों में पंचायत चुनाव में पार्टी ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी थी इसीलिए उसके कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या की गई। हालांकि ममता सरकार इस आरोप को खारिज करते हुए पहले ही मामले की सीआइडी जांच का निर्देष दे चुकी है। भाजपा को सीआइडी पर भरोसा नहीं है। भाजपा की ओर से वरिश्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया द्वारा याचिका दाखिल कर मामले को तत्काल सीबीआइ को सौंपे जाने और मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये देने की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान भाटिया ने इस मामले में दलील पेष करते हुए कहा कि पुलिस व सीआइडी ने जांच में तत्परता नहीं दिखाई है। तत्काल एफआइआर भी दर्ज नहीं किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मृतकों के परिजनों को मुंह बंद रखने के लिए लगातार धमकियां मिल रही है इसलिए मामले को तुरंत सीबीआइ को सौंपा जाए। इसके बाद कोर्ट ने नोटिस जारी कर हलफनामा जमा करने को कहा।

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