आधार लिंक करने की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला शुक्रवार को

नई दिल्ली। विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार की अनिवार्यता और आधार को बैंक खातों आदि से जोड़ने पर अंतरिम रोक लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगा। गुरुवार को कोर्ट ने सरकार सहित सभी पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। हालांकि सरकार ने कोर्ट को बताया कि विभिन्न योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता की समयसीमा 31 दिसंबर से 31 मार्च तक बढ़ा दी गई है।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधानपीठ ने आधार की अनिवार्यता पर अंतरिम रोक लगाने की मांग पर करीब डेढ़ घंटे बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि आधार कानून की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर संविधानपीठ 17 जनवरी से नियमित सुनवाई शुरु करेगी।

इससे पहले आधार की अनिवार्यता का विरोध करते हुए वकीलों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में ही अंतरिम आदेश दिया था जिसमें कहा गया था कि आधार स्वैच्छिक होगा न कि अनिवार्य। कोर्ट ने अंतरिम आदेश में यह भी कहा था कि आधार योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक किसी को भी आधार न होने के कारण योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा। कोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार ने आधार को कानून बना दिया लेकिन सरकार कानून के जरिये भी कोर्ट के आदेश का विरोध नहीं कर सकती। सरकार एक एक कर हर चीज में आधार को अनिवार्य करती जा रही है।

आधार कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति समेकित निधि से दी जा रही किसी सब्सिडी का लाभ लेता है तो उसके लिए आधार जरूरी किया जा सकता है लेकिन बैंक खातों के बारे में तो ऐसा नहीं है। उसके लिए आधार को कैसे अनिवार्य किया जा सकता है। सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि अगर कोई अपना ड्राइविंग लाइसेंस या फिर पासपोर्ट बनवाता है तो उंगलियों के निशान देता है। 54.24 लाख लोग आधार लिंक करा चुके हैं।

हालांकि आधार की समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी गई है। सिर्फ मोबाइल के लिए ये सीमा 6 फरवरी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश है इसके अलावा नया खाता खुलवाने के लिए आधार चाहिए होगा। यूआइडीएआई के वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि 2 लाख फर्जी खाते पाए गए हैं। कालेधन और मनी लांड्ररिंग पर रोक लगाने के लिए ही आधार को खातों से जोड़ा जा रहा है। आधार का विरोध कर रहे वकीलों की मांग थी कि सभी चीजों के लिए आधार की समयसीमा 31 मार्च तक बढ़ाई जानी चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी

20 हजार की आबादी में 200 असामाजिक तत्व जो मात्र एक फीसद होते हैं, क्या पूरे शहर को नहीं डिस्टर्ब कर सकते। कोर्ट ने टिप्पणी तब की जब आधार का विरोध कर रहे वकील ने कहा कि 54 लाख खातों में दो लाख का फर्जी पाया जाना कोई बड़ी संख्या नहीं है।

यूको बैंक ने आधार न होने पर वरिष्ठ वकील का नहीं किया फिक्स डिपाजिट

वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने बताया कि उनके पास आधार न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट स्थिति यूको बैंक की शाखा ने उनका फिक्स डिपाजिट करने से मना कर दिया। बैंक में ऐसा सिस्टम है कि वो आधार के बगैर फिक्स डिपाजिट नहीं करता। ये बात तब उठी जब सरकार ने कहा कि नया खाता खोलने के लिए ही सिर्फ आधार जरूरी है पुराने खातों के लिए फिलहाल नहीं।

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