सरस्वती ने दिया बड़ा ​बयान

जयपुर (इंडिया वार्ता) 

सरकार को अयोध्या में राममंदिर बनवाने के लिए कानून पारित करवाना चाहिए। यदि सरकार राममंदिर निर्माण का कानून नहीं बनाती है तो संत मंदिर निर्माण का विचार करेंगे। यह कहना है शनिवार को ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती का। छोटी चौपड़ स्थित रोजगारेश्वर मंदिर की कलश स्थापना के कार्यक्रम में शिरकत करने आए स्वामी ने सी स्कीम के जमना लाल बजाज मार्ग स्थित भारत माता मंदिर में पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने सबरीमाला मंदिर मुद्दे पर कहा कि जो भी हुआ वह चौंकाने वाला है। जहां सभी मंदिरों में महिलाएं प्रवेश करती है तो वहां भी महिलाओं को प्रवेश मिलना चाहिए। गर्भगृह में पुजारी के अलावा कोई प्रवेश नहीं करें। रामंदिर को लेकर संतों की उच्चाधिकार समिति की बैठक भी हो चुकी है। इसमें लिए गए निर्णयों की जानकारी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को जानकारी दी चुकी है।

राममंदिर का मार्ग करें प्रशस्त
उन्होंने कहा कि संत समाज चाहता है कि सरकार राज्यसभा, लोकसभा का संयुक्त अधिवेशन बुलाकर कानून बनाए और राममंदिर का मार्ग प्रशस्त करें। कोर्ट जमीन के स्वामित्व का निर्णय कर सकती है। मंदिर निर्माण का नहीं। वहीं चुनावों के समय ही राम मंदिर मुद्दा उठाने के सवाल पर सरस्वती ने कहा चुनावों से इसका कोई लेना देना नहीं है। जब तक राममंदिर नहीं बनेगा, तब तक यह मुद्दा जारी रहेगा। वहीं गोरक्षा के लिए भी राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि गायों की हत्या में हिंदू समाज दोषी है। समाज गायों को पालें, उन्हें खुली नहीं छोड़ें।

मुस्लिमों ने कभी भाजपा को वोट नहीं दिया
भाजपा के मुस्लिमों से संबंध बढ़ाने पर वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि मुस्लिमों ने कभी भाजपा को वोट नहीं दिया। संतों को राजनीति में आना चाहिए। हालांकि वास्तव में इस बात का पक्षधर नहीं हूं कि संत चुनाव लड़े। हालांकि कोई संत ऐसा करता है तो उसे रोक भी नहीं सकते।

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