उत्तराखंड में अब 12वीं कक्षा तक सड़क सुरक्षा का पाठ

देहरादून : प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में केवल यातायात चिह्न और जेबरा क्रासिंग ही नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा के विषय में विस्तृत जानकारी होगी। इतना ही नहीं सड़क सुरक्षा का पाठ केवल प्राथमिक कक्षाओं तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे इंटरमीडिएट तक की कक्षाओं में शामिल करने की तैयारी है।

देशभर में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इन पर रोक लगाने के लिए विस्तृत अध्ययन के बाद 25 से अधिक निर्देश जारी किए हैं। इसमें राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा अनुश्रवण समिति गठित करने के अलावा परिवहन, शिक्षा और लोक निर्माण विभाग से संबंधित आदेश जारी किए गए हैं।

सड़क सुरक्षा के निर्देशों का अनुपालन करने की जिम्मेदारी के लिए परिवहन विभाग के अंतर्गत एक लीड एजेंसी का भी गठन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा के संबंध में जागरूकता को बेहद अहम मानते हुए इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सभी प्रदेशों को एक अप्रैल 2018 से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र में सड़क सुरक्षा शिक्षा और परामर्श को पाठ्यक्रम में शामिल करना है। वहीं, इसके लिए सड़क सुरक्षा समिति ने पाठ्यक्रम का एक खाका भी तैयार कर लिया है।

दरअसल, अभी तक स्कूलों में सड़क सुरक्षा के नाम पर यातायात के नियम, चिह्न व संकेत की जानकारी भर है। अब इसे और अधिक विस्तृत करने की तैयारी है।

राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति ने हर कक्षा के लिए अलग-अलग पाठ प्रस्तावित किए हैं। मसलन, छोटी कक्षाओं में यातायात के नियम तो बड़ी कक्षाओं में सीधी व पर्वतीय सड़कों पर वाहन चलाने व गति सीमा के संबंध में जानकारी होगी। इसके साथ प्राथमिक चिकित्सा, वाहनों के रखरखाव आदि के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसका एक मकसद यह भी है कि विद्यार्थी जब वाहन चलाने की उम्र के मानक को पूरा करें तब तक वे सड़क सुरक्षा के संबंध में जागरूक बन जाए।

इस पाठ्यक्रम को शिक्षा विभाग ने लागू करना है। सड़क सुरक्षा समिति ने स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीइआरटी) को यह प्रस्तावित खाका भेज दिया है। अब वह इसमें अपने हिसाब से फेरबदल कर इसे लागू करेगा।

सहायक परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह का कहना है कि पाठ्यक्रम का खाका तैयार हो चुका है। इसका मकसद सभी विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के संबंध में जानकारी देना है।

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