लॉकर में रखे 60 लाख के पुराने नोट जामा करवाने के लिए भटक रहे अनाथ बच्चे

नई दिल्ली  । कालकाजी मे रहने वाले भाई-बहन पुराने नोट बदलवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। दोनों बच्चे अनाथ हैं। इनके माता-पिता की मौत सड़क दुर्घटना में नौ साल पहले हो गई थी।

दिवंगत माता-पिता ने एक बैंक के लॉकर में करीब 60 लाख रुपये रखे थे, जो कि अदालत के आदेश के बाद 17 मार्च 2017 को खोला गया था। लेकिन, जब बच्चों को रुपये मिले तब तक नोट बदलवाने की समय सीमा निकल चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की पीठ ने भाई-बहन की याचिका के बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय को नोटिस भेजा है।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अजय जैन ने दलील दी है कि यह वास्तविक कारण है, जिसके आधार पर उन्हें नोट बदलवाने का मौका दिया जाए। इन बच्चों के माता-पिता की जब मौत हुई थी तो बच्चे नाबालिग थे और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि लॉकर में 60 लाख रुपये रखे हैं।

कालकाजी निवासी अपूर्व जैन (25) और आरुषि (22) ने अपनी याचिका में कहा है कि 30 दिसंबर 2016 और 20 जून 2017 की अधिसूचना रद की जाए। जब यह अधिसूचना जारी हुई थी तब उनके पास पुराने नोट नहीं थे। उन्होंने बताया कि साकेत कोर्ट की कस्टडी में होने के कारण पैसे उनके पास, उस वक्त नहीं आ सके थे।

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