शराब पीने पर सामूहिक जुर्माना नहीं

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में शराबबंदी कानून को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। शराबबंदी के कड़े कानूनों में बदलाव करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस बैठक में कुल 37 एजेंडों पर मुहर लगाई गई। संशोधन में शराबबंदी कानून के तहत सामूहिक जुर्माना खत्म करने के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त संशोधन में शराब में हानिकारक पदार्थ मिलाने और इससे मृत्यु होने पर सख्त कानून के प्रस्ताव की मंजूरी दी गई। ऐसे अपराध पर उम्रकैद की सजा हो सकती है। शराबबंदी कानून में बदलाव करने के प्रस्ताव को 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में सदन की अनुमति के लिए पेश किया जाएगा। शराबबंदी के पहले कानून के मुताबिक शराब मिलने पर घर, वाहन और खेत जब्त करने के प्रावधानों में बदलाव किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर पचास हजार रुपए का जुर्माना या तीन महीने की जेल होगी। गौरतलब है कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। शराबबंदी के सख्त कानूनों को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार को घेरता रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सख्त कानून के चलते दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार हो रहा है और बिना कसूर के उन्हें जेल में डाल दिया जाता है।

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