उत्‍तराखंड में अगले सत्र से सभी स्‍कूलों में एनसीइआरटी की किताबें

देहरादून : राज्य में अगले शैक्षिक सत्र 2018-19 से आइसीएससी बोर्ड के विद्यालयों को छोड़कर शेष सभी सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय, मान्यताप्राप्त अशासकीय व अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में कक्षा एक से बारहवीं तक एनसीइआरटी की पाठ्य पुस्तकें लागू होंगी। कक्षा एक से बारहवीं की विज्ञान की किताबों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाया जाएगा।

अगले सत्र से कक्षा तीन और कक्षा छह में एनसीइआरटी की अंग्रेजी माध्यम विज्ञान की पुस्तकें लागू होंगी। निजी व मान्यताप्राप्त विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को किताबें खरीद के लिए बाजार में उपलब्ध कराई जाएंगी। बुधवार को इस संबंध में शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट ने शासनादेश जारी किया।

मंत्रिमंडल ने बीती 26 जुलाई को राज्य में एनसीइआरटी की किताबें लागू करने का निर्णय लिया था। इस व्यवस्था से आइसीएसई बोर्ड के विद्यालयों को नहीं जोड़ा गया है। राज्य सरकार के फैसले से राजकीय विद्यालयों, सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों, उत्तराखंड बोर्ड से मान्यताप्राप्त निजी विद्यालयों और सीबीएसइ बोर्ड से संबद्ध अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के 18.56 लाख छात्र-छात्राओं को महंगी पुस्तकों से निजात मिल जाएगी। इसके साथ ही एनसीइआरटी किताबों पर उक्त निर्णय लेने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।

शासनादेश के मुताबिक राज्य में कक्षा एक से आठवीं तक पाठ्य पुस्तकों में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) 2005 के मानकों के मुताबिक संचालित पाठ्यक्रम को एनसीइआरटी की अनुमति लेकर उक्त पाठ्यपुस्तकों में स्थानीय परिवेश में संबंधित पाठ्य  सामग्री शामिल की जाएगी। इसके लिए एनसीइआरटी से कॉपीराइट प्राप्त कर वर्तमान में संचालित पाठ्यक्रम में भी परिवर्तन व परिवद्र्धन किया जाएगा। राजकीय व सहायताप्राप्त विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए पाठ्यपुस्तकों का व्ययभार सर्व शिक्षा अभियान व राज्य सरकार पहले की भांति वहन करेंगे।

कक्षा नौ और कक्षा 12 तक सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों को एनसीइआरटी से कॉपीराइट प्राप्त कर पुस्तकें मुद्रित कर छात्रों को उपलब्ध कराई जाएंगी। अलबत्ता, सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों, सहायताप्राप्त विद्यालयों, मान्यताप्राप्त व निजी विद्यालयों के सभी छात्रों के लिए पुस्तकें मुद्रित कर खरीद के लिए बाजार में उपलब्ध कराई जाएंगी।

कक्षा एक से बारहवीं तक अंग्रेजी माध्यम से अध्ययन करने वाले छात्रों को विद्यालयों की मांग के मुताबिक अंग्रेजी माध्यम की पाठ्यपुस्तकें मुद्रित कराई जाएंगी। इन पुस्तकों के अध्यापन को शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। मितव्ययता के मद्देनजर विद्यालयों में बुक बैंक की स्थापना करने व एक वर्ष की पुस्तकों से अगले शिक्षा सत्र के छात्रों को लाभान्वित किया जाएगा।

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