FAT होना बुरी बात नहीं, ये आपके फिगर को बना सकता है फिट!

नई दिल्ली: आमतौर पर लड़कियां अपने वेट और बॉडी फैट को लेकर काफी कॉन्शियस रहती हैं. वजन बढ़ने पर उसे घटाने के लिए वो डाइटिंग से लेकर वर्कआउट तक शुरू कर देती हैं ताकि उन्हें अच्छा फिगर मिल सकें. ब्रेस्ट और हिप्स को अच्छा दिखाने कि लिए वो सर्जरी या सिलिकॉन इम्प्लांट का भी सहारा लेती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि बिना किसी सर्जरी या वर्कआउट के भी आप महज एक दिन में अपने ही शरीर के मोटापे से फिट फिगर पा सकती हैं. ऐसा फैट ग्राफ्टिंग तकनीक के जरिए किया जा सकता है, जिसका चलन तेजी से बढ़ रहा है.

भारतीय कॉस्मेटिक सर्जनों के मुताबिक, अब उनके काम में से 20 प्रतिशत कार्य फैट ग्राफ्टिंग का ही है. इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है. खासतौर पर ब्रेस्ट और बट्स के लिए लड़कियां ग्राफ्टिंग के लिए डॉक्टर्स से संपर्क कर रही हैं. अमेरिका में ब्रेस्ट के लिए इस प्रक्रिया का उपयोग करीब 41 प्रतिशत बढ़ गया है वहीं चेहरे के लिए फैट ग्राफ्टिंग करवाने में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी आई है.

क्या है फैट ग्राफ्टिंग
फैट ग्राफ्टिंग वो प्रक्रिया है जिसके जरिए आपके शरीर के कमर, जांघ और बाहों से वसा को निकाला जाता है और फिर उसे शरीर में वहां इंजेक्ट किया जाता है जिसे आप बढ़ा हुआ दिखाना चाहती हों. ये पूरी प्रक्रिया पूरे एक दिन की होती है, जिसके लिए आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. दिल्ली में फोर्टिस, अपोलो और श्री गंगा राम अस्पताल में इसकी सुविधा उपलब्ध है.

कैसे निकाला जाता है फैट
फैट को इंजेक्शन के जरिए आपके शरीर से निकाला जाता है. उदाहरण के तौर पर यदि आपकी कमर पर ज्यादा वसा है और आपका चेहरा बहुत पतला है, तो इसके लिए आपकी वेस्ट से ही फैट को पतली सुई और हैंड सक्शन मशीन से निकाला जाएगा. इस फैट में खून, टिशू और सेल्स होते हैं, जिन्हें शुद्धिकरण की प्रक्रिया से गुजारा जाता है, जिससे सिर्फ वसा बच जाता है. इस वसा को फिर चेहरे में बड़ी सावधानी से इंजेक्ट किया जाता है. एक दिन में ही आपको असर दिखाई दे जाएगा और आपका चेहरा भरा हुआ दिखने लगेगा.

फैट ग्राफ्टिंग के फायदा

  • फैट ग्राफ्टिंग का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें सिलिकॉन इम्प्लांट या किसी अन्य सर्जरी की जरूरत नहीं होती, जिससे आपको स्कार का टेंशन नहीं रहता.
  • इतना ही नहीं ये बढ़ा हुआ वसा काफी नेचुरल दिखता है, जिससे किसी को पता नहीं चल पाता कि आपने फैट ग्राफ्टिंग करवाई है.
  • इस प्रक्रिया का दूसरा फायदा है कि ये एक प्राकृतिक फिलर है, जिस वजह से एलर्जी होने का खतरा नहीं रहता. साथ ही ये सिंथेटिक फिलर से ज्यादा दिनों तक चलते हैं.

फैट ग्राफ्टिंग में ध्यान रखने वाली बातें

  • शरीर को फिट दिखाने के लिए फैट ग्राफ्टिंग की प्रक्रिया के दौरान कुछ चीजें हैं जिनका विशेष ध्यान रखना पड़ता है. सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इस प्रक्रिया के लिए आपके शरीर में पर्याप्त वसा होना चाहिए. इसके बिना फैट ग्राफ्टिंग नहीं की जा सकती है.
  • फैट ग्राफ्टिंग के बाद इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके शरीर में अचानक से वजन बढ़े या घटे नहीं. ऐसा होने से शरीर के उस हिस्से पर भी असर पड़ेगा जहां फैट को इंजेक्ट किया गया है. ऐसे में आपका शरीर बेडौल दिखने लगेगा.
  • होंठों पर ये प्रक्रिया करवाते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि जरा सा भी फैट ज्यादा या कम हुआ तो आपके लिप्स का शेप बिगड़ जाएगा, जिसके बाद उन्हें ठीक करना संभव नहीं होगा. ऐसे में आप फैट ग्राफ्टिंग उसी से करवाएं जिसे इस फील्ड में अनुभव हो.

News Source: zeenews.india.com

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