डीएम की मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी; लाइसेंस किसी के नाम का, चला रहा कोर्इ

हरिद्वार : जिलाधिकारी दीपक रावत ने मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी का अभियान चलाया। जिसके तहत वह रानीपुर मोड़ स्थित आर्या मेडिकल स्टोर पहुंचे। यहां जिलाधिकारी को कर्इ अनियमितताएं देखने को मिली। दुकान का लाइसेंस भी जिस शख्स के नाम पर था, उस शख्स के स्थान पर वहां दूसरा व्यक्ति मेडिकल स्टोर चलाता नजर आया।

पुराना रानीपुर मोड़ स्थित आर्या मेडिकल स्टोर के नियम विरुद्ध संचालित होते पाए जाने पर जिलाधिकारी दीपक रावत ने सील करा दिया। दरअसल, जिलाधिकारी दीपक रावत की जांच में आर्या मेडिकल स्टोर्स पर जो लाइसेंस दिखाया गया उसमें फार्मासिस्ट में जलालुखान का नाम दर्ज था। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि फार्मासिस्ट जलालु खान कौन है। इस पर दवा बेचने वाले व्यक्ति सकते में आ गए। कभी अपने को दुकान पर काम करने वाला तो कभी मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव बताने लगे।

जिलाधिकारी ने जब सख्ती करते हुए तत्काल जलालु खान को बुलाने को कहा। इस पर कर्मचारियों ने कहा कि वह अभी नहीं आ सकते हैं। दो एक दिन में आने पर बता देंगे। इस पर जिलाधिकारी ने कहा फोन कर तत्काल बुलाओ। तो वह बगले झांकने लगे। जिलाधिकारी ने कहा तुम बुलाओगे कहां से वह तो दुबई में हैं। डांटते हुए नंबर देने को कहा। इस पर जो नंबर मिला उस पर उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ङ्क्षसह ने मोबाइल से बात की। दूसरी तरफ से बोलने वाले ने बताया कि वह जलालु खान है फिलहाल वह दुबई में है। इसी बीच दुकान पर दो व्यक्ति आए उन्होंने पहचान दुकान संचालक शैलेष शर्मा और डॉ. आरडी शर्मा बताई। जिलाधिकारी ने पूछा कि जलालु खान कहां है तो पहले तो उन्होंने झूठ बोलने की कोशिश की। सख्ती पर बताया कि जलालु के नाम से मेडिकल स्टोर का लाइसेंस है। दुकान पर बैठा व्यक्ति विनय झा ही दवा विक्रय में सहयोग करता है। जिलाधिकारी ने स्टाक रजिस्टर, कैश रजिस्टर मांगा। वह नहीं दिखा पाए। इस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम को दुकान सील करने के निर्देश दिए।

इसके बाद जिलाधिकारी सामने स्थित शर्मा क्लिीनिक में घुसे, वहां पर संचालक व डॉक्टर के बारे में पूछने पर आर्या मेडिकल स्टोर्स के संचालक शैलेष शर्मा और डॉ. आरडी शर्मा पहुंचे। पूछने पर बताया कि वह दंत चिकित्सक हैं। डीएम ने डिग्री मांगी तो दिखा नहीं पाए। इस पर जिलाधिकारी ने सीएमओ डॉ. रवींद्र थपलियाल को फोन कर क्लिनिक की विस्तार से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। जिलाधिकारी ने बताया कि औषधि निरीक्षक को हर महीने दस दवा की दुकानों की जांच कर रिपोर्ट देने और सीएमओ से दंत क्लिनिक की गहन जांच कर रिपोर्ट मांगी है। अनियमितता मिली तो इस क्लिनिक को भी सील किया जाएगा।

News Source: jagran.com

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