पर्यटन से अलग तीर्थाटन मंत्रालय का हो गठन 

देहरादून, । विश्वनाथ जगदीशिला डोली रथ यात्रा के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया कि तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए पृथक से तीर्थाटन मंत्रालय बनाए जाने की जरूरत है। तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड में 1000 धाम चिन्हित किए जाएंगे। 2020 से 2030 तक विश्वनाथ जगदीशिला डोली यात्रा इन 1000 धामों से होकर गुजरेगी।  यहां प्रिंस चौक स्थित एक होटल में पत्रकार वार्ता मे उन्होंने बताया कि 13 जनपदों के शहरों एवं ग्रामीण इलाको के 95 विकासखंडों के देवालयों की जानकारी हेतु प्रत्येक विकासखण्ड एवं शहरों के 4 दिवसीय भ्रमण का कार्यक्रम दो दिसंबर से देहरादून जनपद से शुरु होगा। यहां सहसपुर, विकासनगर कालसी के देवालयों का भ्रमण कर धाम चिन्हित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 380 दिन की यात्रा प्रारम्भ करने का कार्यक्रम है। एक धार्मिक स्थल को धाम का रूप दिये जाने पर कम से कम 100 लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार भी मिलता है। इस प्रकार हजार धाम चिन्हित एवं स्थापित होने से एक लाख लोगों को पलायन से रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, यहां अनेक तीर्थस्थल हैं। कई तीर्थस्थल अभी गुमनाम हैं उनके विकास के लिए प्रचार-प्रसार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय से अलग तीर्थाटन मंत्रालय का भी गठन केंद्र व राज्य में होना चाहिए। तीर्थाटन मंत्रालय के गठन से तीर्थस्थलों के विकास में तेजी आएगी। तीर्थस्थलों को पर्यटन स्थलों के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

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