निकाय चुनाव: भाजपा के हर दांव पर कांग्रेस की निगाह

देहरादून : राज्य में वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल समझे जा रहे नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा के हर दांव पर नजरें टिका दी हैं। सत्तापक्ष की तुलना में विपक्ष अपनी चालें तेजी से चलना चाहता है, ताकि सियासी नफा लेने में वह पीछे न छूट जाए।

चुनाव में अभी भले ही चार महीने शेष हैं, लेकिन कांग्रेस ने दमदार प्रत्याशियों की खोज प्रारंभ कर दी है। नगर निकायों के आरक्षण और परिसीमन में बदलाव को देखते हुए निकायों की सीटों के लिए चार या पांच श्रेणियों में प्रत्याशियों का पैनल तैयार किया जाएगा। इस पैनल को लेकर पार्टी भाजपा से पहले ही जनता के बीच दस्तक देने की तैयारी में है।

उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस बेहद सधे ढंग से कदम आगे बढ़ा रही है। सियासी हलकों में इस चुनाव के नतीजों को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जाना है। कांग्रेस चाहती है कि प्रचंड बहुमत से सत्ता में पहुंची भाजपा को इस चुनाव में कड़ी चुनौती दी जाए। इसके लिए पार्टी ने हर स्तर पर सावधानी से तैयारी शुरू कर दी है।

चुनाव में जिन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाना है, उनमें राज्यस्तरीय, क्षेत्रीय मुद्दों के साथ ही ऐसे मुद्दे भी शामिल किए जा रहे हैं जिसके निशाने पर केंद्र की मोदी सरकार भी होगी। नगरीय क्षेत्रों में भाजपा की पैठ अपेक्षाकृत मजबूत मानी जाती है।

पांच साल पहले प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रहते हुए भी भाजपा ने नगर निकाय चुनावों में दमदार प्रदर्शन किया था। कांग्रेस की कोशिश है कि निकाय चुनाव में वह वही दर्जा हासिल करे जो भाजपा को मिला था।

शहरी मतदाताओं के लिए रणनीति

शहरी वर्ग के मतदाताओं के बीच बेरोजगारी, केंद्र की नीतियों में खामियों के साथ ही राज्य में कानून व्यवस्था, नगर निकायों के सीमा विस्तार के चलते नए शामिल किए गए ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं को रिझाने की रणनीति खासतौर पर बनाई गई है।

वहीं पार्टी प्रत्याशियों के चयन के मामले में भी लेटलतीफ नहीं होना चाहती, ताकि जनता के बीच चेहरे को समय रहते प्रस्तुत किया जा सके। इस रणनीति के तहत ही प्रदेश संगठन ने दो मंडलीय सम्मेलनों के आयोजन का फैसला लिया।

गढ़वाल मंडलीय सम्मेलन में भी विभिन्न जिलों से आए पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को मुद्दे तो थमाए ही गए, साथ में प्रत्याशियों के चयन को लेकर उनके सुझाव लिए गए। यह तय हुआ कि निकायों का परिसीमन और आरक्षण तय होने से पहले से ही विपक्षी पार्टी अपनी जमीनी तैयारी को अंजाम देगी।

चार-पांच प्रत्याशियों का पैनल 

निकायों के अध्यक्ष पदों के लिए सीटवार सामान्य, महिला, अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग के संभावित प्रत्याशियों का पैनल बनाया जाएगा। इस पैनल के साथ पार्टी जनता के बीच जाएगी। आरक्षण की स्थिति साफ होने पर पैनल में से ही प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ ही पार्टी रणनीतिकारों की ओर से जिलों में पदाधिकारियों को इसी योजना के मुताबिक प्रत्याशियों का पैनल सुझाने को कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *