सावधान! शहर में घुल रहा मिलावट का ‘जहर’

देहरादून : मिलावट का जहर हर बार की तरह इस बार भी त्योहारों के दौरान आपको परोसा जा रहा है। आपसे मावा, दूध, पनीर और घी के पूरे पैसे तो लिए जाएंगे, लेकिन बदले में मिलेगी बीमारी। जैसे-जैसे दिन नजदीक आएंगे, दुग्ध एवं अन्य खाद्य पदार्थों की मांग भी जोर पकड़ती जाएगी। इस मांग को पूरा करने के लिए मिलावटखोर मौके का फायदा उठाएंगे।

नकली मिठाई और सिंथेटिक मावे से गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। त्योहार के वक्त दून में प्रतिदिन डेढ़ से दो टन मावे की खपत होती है। इसकी आपूर्ति उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहानरपुर व हरिद्वार के भगवानपुर क्षेत्र से होती है। जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश से आने वाले मावे में अधिकांश सिंथेटिक होता है। अगर आप भी इन मिठाइयों से अपनी खुशियों में चार चांद लगाने के बारे में सोच रहे हैं, तो संभल जाइए।

क्यों और कैसे बनता है नकली मावा 

एक किलो दूध से तकरीबन दो सौ ग्राम मावा ही निकलता है। जाहिर है इससे व्यापारियों को ज्यादा फायदा नहीं होता। लिहाजा मिलावटी मावा बनाया जाता है।

-इसमें अक्सर शकरकंदी, सिंघाड़े का आटा, आलू और मैदे का इस्तेमाल होता है।

-नकली मावा बनाने में स्टार्च, आयोडीन के साथ ही आलू मिलाया जाता है। आलू इसलिए ताकि मावे का वजन बढ़े। वजन के लिए ही आटा भी मिलाया जाता है।

-नकली मावा असली मावा की तरह दिखे इसके लिए इसमें कुछ कैमिकल मिलाया जाता है। कुछ दुकानदार मिल्क पाउडर में वनस्पति घी मिलाकर मावे को तैयार करते हैं।

-मावे की जांच घर पर रहकर दो सरल तरीकों से हो सकती है।

-मावे को हथेली पर रखने पर यदि यह तेल छोड़ता है तो मिलावट नहीं है।

-मावे को हल्के गुनगुने पानी में डाल दें। फिर इसमें थोड़ा चने का आटा और चुटकी भर हल्दी मिला दें। यदि रंग गुलाबी आता है तो समझो इसमें मिलावट है।

 

वैज्ञानिक व स्पैक्स संस्था के अध्यक्ष  डॉ. बृजमोहन शर्मा का कहना है कि मावे में मुख्यत: स्टार्च मिलाए जाने के मामले सामने आते थे, लेकिन बीते कुछ वर्षों में सस्ते सूखे दूध का प्रयोग बढ़ा है। इस दूध में खासी मात्रा में मैलेमाइन होता है, जो लिवर के लिए बेहद खतरनाक है। इसके अत्याधिक प्रयोग से आंतों में कैंसर तक हो सकता है। इनके अलावा मावे में चर्बी, सस्ते कृत्रिम आयल, डालडा आदि का प्रयोग किया जाता है।

 

60 किलो पेठा व गुलाब जामुन नष्ट

खाद्य सुरक्षा विभाग मिलावट के खिलाफ अभियान छेड़े हुए है। टीम न केवल दून बल्कि ऋषिकेश, मसूरी, ऋषिकेश व आसपास के क्षेत्रों में भी छापेमारी कर रही है। इस दौरान दूध, दुग्ध पदार्थ व खाद्य पदार्थों के कुल 62 सैंपल लिए गए हैं। जिला अभिहित अधिकारी जीसी कंडवाल ने बताया कि दीपावली को देखते हुए अभियान में तेजी लाई जा रही है। शहर के प्रमुख प्रवेश द्वार पर भी विभाग की नजर है। उन्होंने बताया कि इस दौरान स्वच्छता मानक ताक कर रख स्टॉक किया गया व अत्याधिक रंग के इस्तेमाल के कारण 60 किलो पेठा व गुलाब जामुन नष्ट कराया गया। इसके अलावा एक्सपाइरी डेट पूरी कर चुके चिप्स के 40 पैकेट भी नष्ट किए गए।

News Source: jagran.com

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