संगीनों के साये में होगें विधानसभा चुनाव

जयपुर।     राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में पांच लाख से ज्यादा अफसर एवं कर्मचारियों की तैनाती रहेगी। इनमें तीन हजार पुलिस अफसरों सहित 85 हजार सुरक्षाकर्मी शामिल होंगे। सभी अफसर एवं कर्मचारियों को चुनाव से पहले विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। निर्वाचन विभाग ने इसके लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की है। संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टरों सहित 1200 से ज्यादा आरएएस, एडीएम, एसडीएम,तहसीलदार और मास्टर ट्रेनर्स को अब तक ट्रेनिंग दी चुकी है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत के अनुसार प्रदेश में स्वतंत्र-निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की कार्य योजना बनाई है। इसके तहत बीएलओ से लेकर उच्च अधिकारियों तक विभिन्न चरणों में प्रशिक्षित किया जाएगा। चार जुलाई से शुरू प्रशिक्षण कार्यक्रम में अब तक राज्य स्तर पर 1200 से ज्यादा आरएएस, एसडीएम, एडीएम, तहसीलदार और मास्टर ट्रेनर्स को अब तक प्रशिक्षित किया जा चुका है।

52 हजार पोलिंग स्टेशन
प्रदेश में करीब 52 हजार पोलिंग स्टेशन हैं। पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में पोलिंग स्टेशन और मतदाताओं की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। इसलिए, पीठासीन अधिकारियों और चुनाव कार्य में लगाए जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। संभाग स्तर पर दो हजार से ज्यादा एएलएमटी (एसेंबली लेवल मास्टर ट्रेनर) और करीब तीन लाख पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

85 हजार पुलिस अधिकारी एवं सुरक्षाकर्मी
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम के अनुसार पुलिस के करीब तीन हजार उच्च अधिकारियों एवं 82 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को मास्टर ट्रेनर्स की ओर से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसी तरह फ्लाइंग स्क्वायड, सर्विलांस टीम के लिए 2500 से ज्यादा कार्मिक और 6 हजार से ज्यादा माइक्रोऑब्जर्वर प्रशिक्षित होंगे। करीब पांच हजार वीडियोग्राफर्स और करीब इतने ही वेब कास्टिंग आफिसर्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा। चुनाव के बाद मतगणना के लिए भी पांच हजार से ज्यादा मतगणना अधिकारियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

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