उत्तर प्रदेश सरकार के बजट में पूरब से लेकर पश्चिम तक के लिए तमाम योजनाओं का ऐलान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के लोकसभा चुनाव से पहले पेश 2019- 20 के बजट में किसानों, नौजवानों, महिलाओं, बुजुर्गों, छात्रों, गरीबों, कामगारों के लिए तमाम योजनाओं की घोषणा की गई है और उनके लिए भारी आवंटन भी किया गया है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल द्वारा राज्य विधानसभा में पेश बजट का कुल आकार चार लाख 79 हजार 701 करोड 10 लाख रूपये है जो कि 2018—19 के बजट की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है।

उत्तर प्रदेश के अब तक के सबसे बडे इस बजट में राज्य में पूरब से लेकर पश्चिम तक के लिए तमाम योजनाओं का ऐलान किया गया है। बजट में 21 हजार 212 करोड 95 लाख रूपये की नयी योजनाएं शामिल की गयी हैं। वित्त वर्ष 2019-20 के इस बजट में 46 हजार 910 करोड़ 62 लाख रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो कि वर्ष के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है।

बजट में छुट्टा गोवंशीय पशुओं के रखरखाव और गोशाला निर्माण के लिये करीब 448 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंश के पशुओं के रख-रखाव एवं गोशाला निर्माण कार्य के लिये 247.60 करोड़ रुपये आबंटित किये गये हैं। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में कान्हा गोशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिये 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गयी है। बजट में धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत स्थलों के विकास का मजबूत खाका खींचा गया है। बजट काशी, मथुरा-वृन्दावन, अयोध्या, गढ मुक्तेश्वर, प्रयागराज और नैमिशारण्य जैसे तीर्थ स्थलों को विकसित करने के लिए पर्यटन की दृष्टि से व्यापक प्रावधान करता है।

काशी में गंगा तट से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक मार्ग के विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण हेतु 207 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। बजट में वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है तो उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 125 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। अयोध्या के प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास हेतु 101 करोड़ रुपये की व्यवस्था है तो गढ़ मुक्तेश्वर के पर्यटन स्थलों के समेकित विकास हेतु 27 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

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