नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय बहुविवाह  की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई करेगी। ऐसे में पुरूषों द्वारा तीन तलाक कहने के कारण तलाकशुदा जीवन जीने को मजबूर मुस्लिम महिलाएं न्याय के लिए शीर्ष न्यायालय की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही हैं। गाजियाबाद के रहने वाले बढ़ई सबीर की बेटी भी उन महिलाओं में से एक है जिन्हें उनके पतियों ने तीन तलाक कह कर वैवाहिक संबंध समाप्त करने का फरमान सुना दिया है। सबीर का कहना है कि उसकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने के बाद तलाक दे दिया गया। सबीर ने इस सप्ताह अपने स्थानीय विधायक से इस संबंध में मदद के लिए गुहार लगाने का निर्णय लिया।विधायक अतुल गर्ग की सलाह पर सबीर के दामाद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई। गर्ग ने सबीर को बताया कि यदि उनकी बेटी अदालत का दरवाजा खटखटाती है तो सुरक्षा भी मुहैया कराई जा सकती है लेकिन इसके अलावा और किसी प्रकार का हस्तक्षेप संभव नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री गर्ग ने कहा कि अंततरू तीन तलाक मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत भारत में वैध है और सरकार कानून में बदलाव होने तक कुछ नहीं कर सकती। सबीर की बेटी का दो वर्ष का बेटा भी है।सबीर और उनकी बेटी की तरह देशभर में हजारों मुस्लिम परिवारों का जीवन केवल इसलिए बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि पुरूषों ने तीन बार तलाक शब्द कह कर अपनी पत्नियों को छोड़ दिया। ऐसे में सबीर की बेटी समेत कई महिलाएं नयी दिल्ली स्थित उच्चतम न्यायालय में गुरुवार से शुरू होने वाली उन याचिकाओं की सुनवाई का इंतजार कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *