मोदी की दो टूक

नई दिल्ली। दलितों के खिलाफ अत्याचारों की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समुदाय के ‘‘स्वयंभू ठेकेदारों’’ पर तनाव पैदा करने के लिए सामाजिक समस्या को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया है और अपनी पार्टी के लोगों सहित राजनीतिक नेताओं से कहा कि उन्हें गैर जिम्मेदार बयानों से बचना चाहिए। मोदी ने कहा कि वह दलितों और समाज के अन्य दमित तबकों के कल्याण के लिए कटिबद्ध हैं, लेकिन कुछ लोग इसे नहीं पचा सकते कि ‘‘मोदी दलित समर्थक हैं’’ और वह उन पर हर तरह के आरोप लगा रहे हैं।प्रधानमंत्री ने नेटवर्क 18 को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि दलितों के खिलाफ या किसी के भी खिलाफ हिंसा की घटनाएं ‘निंदनीय’ हैं और यह किसी भी सभ्य समाज को शोभा नहीं देता। मोदी ने साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं अपनी खुद की पार्टी के नेताओं सहित राजनीतिक नेताओं से कहना चाहता हूं कि किसी भी व्यक्ति या समुदाय के खिलाफ किसी भी तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं दिया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि टीवी चैनल भले ही टीआरपी के लिए आपका पीछा करें लेकिन आपको देश के बारे में सोचना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोग, चाहे वह सामाजिक संगठनों से क्यों न जुड़े हों, उन्हें देश की एकता के बारे में, समाज की एकता के बारे में, भाईचारा के बारे में सोचना चाहिए न कि विषाद की स्थिति उत्पन्न करनी चाहिए। उन्हें बहुत ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। इसे ‘‘समाज में बेहद गहरी जड़ों वाली समस्या’’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों से पीड़ित समुदाय के खिलाफ ‘‘ऐसी बुराई को हमें दूर करना होगा। यह उल्लेख करते हुए कि देश में कई दलित हैं जो भाजपा के सांसद और विधायक हैं, मोदी ने कहा कि ‘‘जब मैंने बीआर अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई…कई लोगों को लगा कि मोदी अंबेडकर का अनुयायी हैं। उन्हें समस्या होनी शुरू हो गई।’’ मोदी ने कहा, ‘‘जो खुद को किसी खास तबके का ‘‘ठेकेदार’’ समझते हैं और समाज में तनाव उत्पन्न करना चाहते हैं, वे इसे नहीं पचा सकते कि मोदी दलित समर्थक है। उनके लिए मैं पागल हूं। हां, मैं दलितों, दमित और वंचित वर्गों के लिए समर्पित हूं। चूंकि मैं उनके (तथाकथित ठेकेदारों के) रास्ते को पार कर रहा हूं इसलिए वह मेरे खिलाफ हर तरह के आरोप लगा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘जो लोग जहर उगलते हैं और ऐसी राजनीति से देश को बाधित करते हैं उन्हें सामाजिक समस्याओं को राजनीतिक रंग देना बंद कर देना चाहिए।

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