भागीरथी के रास्ता बदलने से बना खतरा

देहरादून;इं.वा. संवाददाता। भागीरथी के प्रवाह का रास्ता बदलने से गंगोत्री धाम को पैदा हुए खतरे को देखते हुए शासन हरकत में आ गया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने जहां इस मामले में उत्तरकाशी जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, वहीं सचिव सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण आनंद वर्द्धन ने विभागीय अधिकारियों को गंगोत्री धाम की सुरक्षा के लिए नदी के किनारे वायरक्रेट्स जैसे पफौरी इंतजाम तत्काल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बरसात के बाद बाढ़ सुरक्षा संबंधी स्थायी कार्यों के लिए प्रारंभिक अध्ययन के भी निर्देश दिए।
गौरतलब है कि गत 16-17 जुलाई को भागीरथी में आए उफान के बाद से नदी ने अपना रास्ता बदल दिया है, जिससे गंगोत्री धाम पर भी बाढ़ का खतरा मंडराता नजर आ रहा है।
दरअसल, भारी जलराशि के साथ बहकर आई गाद व बोल्डर नदी की मुख्य धारा वाले स्थान पर जमा होने के कारण भागीरथी अपने पुराने रास्ते से करीब 25 पफीट दूर गंगोत्री धाम वाले किनारे की ओर बहने लगी है। इससे गंगोत्री मंदिर को भी खतरा बढ़ गया है।
गंगोत्री में एक माह पूर्व तक भागीरथी दूसरे किनारे पर मौनी बाबा आश्रम के कोने को छूती हुई गंगोत्री मंदिर के सामने श्रीकृष्ण आश्रम के पास सूर्यकुंड की ओर बढ़ती थी। तब भगीरथ शिला घाट से नदी का बहाव करीब 25 फीट दूर था, लेकिन 16-17 जुलाई को बारिश से आए उफान के बाद भागीरथी ने रास्ता ही बदल दिया।
सचिव सिंचाई आंनद वर्द्धन ने बताया कि पफौरी इंतजाम के तौर पर वायरक्रेट्स के माध्यम से गंगोत्री धाम की सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। मानसून बाद सितंबर में बाढ़ सुरक्षा के स्थायी कार्य करवाए जाएंगे, जिसके लिए प्रारंभिक अध्ययन के निर्देश भी दे दिए हैं।

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