पथरी के इलाज को मैक्स अस्पताल होलमियम लेजर टेक्नोलॉजी लॉन्च

संदीप शर्मा ब्यूरों प्रमुख।

देहरादून, । मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल देहरादून ने आज एक सम्मेलन के दौरान होलमियम लेजर टेकनोलॉजी लॉन्च की। लेजर की यह टेकनोलोजी गुर्दों/ मूत्रमार्ग में पाई जाने वाली किसी भी आकार की पथरी के इलाज के लिए उर्जा प्रभावी एवं मिनीमली इनवेसिव तकनीक है। इस तकनीन ने मूत्रमार्ग एवं गुर्दों में पथरी और ट्यूमर के एंडोस्कोपिक उपचार में एक नई क्रान्ति ला दी है।  होलमियम लेज़र मूत्रमार्ग की पथरी को निकालने में उर्जा स्रोत की भूमिका निभाता है। इस मौके पर शिरकत करने वाले डॉक्टरों में शामिल थे डॉ. दारेश डोडामानी, सीनियर कन्सलटेन्ट और एचओडी यूरोलोजी, डॉ. दीपक गर्ग, एसोसिएट कन्सलटेन्ट, यूरोलोजी और डॉ. संदीप सिंह तंवर, वाईस प्रेज़ीडेन्ट, ऑपरेशन्स एण्ड युनिट हैड, मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून। मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल में सीनियर कन्सलटेन्ट एवं एचओडी यूरोलोजी डॉ. दारेश डोडामानी ने कहा, ‘यह बेहद शक्तिशाली लेज़र से युक्त मिनीमली इनवेसिव तकनीक है जो मूत्राश्य / गुर्दों की पथरी को तोड़ने में बेहद प्रभावी है। मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्राश्य में स्थित पथरी तक एक फ्लेक्सिबल लेज़र फाइबर डाला जाता है। लेज़र एक्टिवेट होने के बाद लेज़र बीम पथरी को मिट्टी जैसे छोटे कणों में तोड़ देता है, जो प्राकृतिक मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाते हैं। इसे मूत्रमार्ग/ गुर्दों के उपचार के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘प्रक्रिया आमतौर पर तब की जाती है जब मरीज़ के मूत्रमार्ग से पथरी अपने आप बाहर नहीं निकलती और उसे बार-बार असहनीय दर्द होता है। इस तकनीक में चीरा लगाने की ज़रूरत नहीं होती और मूत्रमार्ग से एक फ्लेक्सिबल लेज़र फाइबर को भीतर डाल दिया जाता है। प्रक्रिया के दौरान मरीज़ को सहज बनाए रखने के लिए जनरल एनेस्थिसिया दिया जाता है।’’ मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून में यूरोलोजी के कन्सलटेन्ट डॉ. दीपक गर्ग ने कहा, ‘‘किसी भी अन्य प्रक्रिया की तुलना में इस होलमियम तकनीक का सबसे बड़ा फायदा है इसका सुरक्षित होना। यह दिल के मरीज़ों या उन मरीज़ों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है जो खून पतला करने की दवाएं देते हैं। इसमें मरीज़ को ठीक होने में कम समय लगता है। इसका एक और फायदा यह है कि पथरी बहुत छोटे कणों में टूट जाती है जिससे पथरी के गुर्दों में जाने की सम्भावना न के बराबर हो जाती है। ऐसे में मूत्रमार्ग को चोट पहुंचने की सम्भावना नहीं होती और न ही लिथोट्रिप्सी की ज़रूरत होती है। इसमें खून का नुकसान नहीं होता और मरीज़ को केवल 24-48 घण्टे के लिए ही अस्पताल में रुकना पड़ता है। इसके अलावा, इस लेजर का इस्तेमाल सॉफ्ट टिश्यू एप्लीकेशन के लिए भी किया जा सकता है जैसे ब्लैडर नैक इनसीज़न, यूरेथरल और यूरेटेरिक संरचनाएं।’’इस मौके पर मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून, उत्तराखण्ड में वाईस प्रेज़ीडेन्ट ऑपरेशन्स एवं युनिट हैड डॉ संदीप सिंह तंवर ने कहा, ‘‘होलमियम लेज़र टेकनोलोजी के कई फायदे हैं, मरीज़ को कई लक्षणों से तुरंत आराम मिल जाता है जैसे दर्द, बार-बार पेशाब आना, पेशाब के साथ खून आना आदि। ज़्यादातर मामलों में मरीज़ उसी दिन घर जा सकता है। यह तकनीक हर तरह की पथरी पर प्रभावी है और एक ही उपचार में इसकी सफलता दर 95 फीसदी से भी अधिक है।

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