क्या रवि शास्त्री को ‘काबू’ में रखने के लिए हुई है राहुल द्रविड़, ज़हीर खान की नियुक्ति…?

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अपने बेबाक अंदाज़ और कप्तानी के एग्रेसिव तौर-तरीकों के लिए क्रिकेट की दुनिया में मशहूर हैं, और अब भारतीय कोच के चयन में उनकी दूरदर्शिता भी सबके सामने नज़र आई. जब उन्हें लगा कि कोच की रेस में उनकी पसंद वीरेंद्र सहवाग टीम के पुराने ‘डायरेक्टर’ रवि शास्त्री से पिछड़ गए हैं, तो उन्होंने वह दांव खेला, जिससे नए कोच और कप्तान विराट कोहली को पूरी तरह मनमानी करने का मौका न मिल सके.

रवि शास्त्री की कोच के रूप में नियुक्ति के साथ-साथ गेंदबाज़ी कोच के रूप में ज़हीर खान के नाम ने सभी को चौंका दिया है. ऐसा हरगिज़ नहीं है कि ज़हीर की काबिलियत पर किसी को शक है, लेकिन गेंदबाज़ी कोच के रूप में उनकी नियुक्ति का अंदाज़ा किसी को भी नहीं था. ऐसा ही कुछ राहुल द्रविड़ की नियुक्ति के मामले में हुआ है. राहुल द्रविड़ इंडिया-ए और अंडर-19 टीमों के कोच हैं, और वह इन पदों पर काफी संतुष्ट भी हैं, लेकिन उन्हें विदेशी ज़मीन पर भारतीय टीम का बल्लेबाज़ी कोच नियुक्त किया गया है.

अब सवाल यह उठता है कि ज़हीर ख़ान और राहुल द्रविड़ के होते हुए रवि शास्त्री आखिर किस हद तक अपनी मर्ज़ी से अपना काम कर पाएंगे.

इसी ‘सवाल’ को समझते हुए क्रिकेट एक्सपर्ट हर्षा भोगले ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, “विदेशी दौरों पर टीम का असली इम्तिहान होता है… जब राहुल द्रविड़ बल्लेबाज़ी कोच होंगे और ज़हीर खान गेंदबाज़ी कोच, तो क्या रवि शास्त्री फिर टीम डायरेक्टर ही रहेंगे…?”

माना जा रहा है कि वीरेंद्र सहवाग के कोच नहीं बन पाने से सौरव गांगुली ज़्यादा खुश नहीं थे, इसीलिए राहुल द्रविड़ और ज़हीर खान के रूप में ये दो नियुक्तियां की गई हैं, ताकि टीम पर रवि शास्त्री के दबदबे को रोका जा सके.

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