उत्तराखंड ने देश को दिए दो होनहार विश्व विजेता कप्तान

पिथौरागढ़। समुचित खेल सुविधाओं से वंचित पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के लिए यह सुखद संयोग है कि इस राज्य ने एक साल के अंदर भारत को दो विश्वकप दिलाने वाले कप्तान दिए हैं। भारत की एकदिवसीय विश्वकप विजेता टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी और अंडर-19 विश्वकप जीतने वाली टीम के कप्तान उन्मुक्त चंद मूलत इसी राज्य के हैं।

26 अगस्त को गत विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर करारी शिकस्त देकर विश्व विजेता बनी भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान उन्मुक्त का पैतृक गांव पिथौरागढ़ जिले का खड़कू भल्या है जबकि गत वर्ष दो अप्रैल को भारत को विश्व खिताब दिलाने वाले टीम इंडिया के कप्तान धोनी का परिवार पड़ोसी अल्मोडा जिले के ल्वाली गांव का मूल निवासी है।

यह बात और है कि धोनी के पिता पान सिंह धोनी कुछ वर्ष पूर्व रोजगार के सिलसिले में सुदूर झारखंड जाकर बस गए। जाहिर है कि धोनी शुरू से ही झारखंड के खिलाड़ी के रूप में क्रिकेट खेल रहे हैं। धोनी की कप्तानी में भारत ने गत वर्ष 28 साल बाद विश्वकप जीता था।

उधर उन्मुक्त चंद के पिता भरत चंद ठाकुर दिल्ली में स्कूल शिक्षक हैं और उन्मुक्त ने भी उत्तराखंड के बजाए दिल्ली के खिलाड़ी के रूप में क्रिकेट करियर शुरू किया था। खेल विशेषज्ञों के अनुसार इन दोनों खिलाड़ियों की सफलता इस बात का प्रमाण है कि उत्तराखंड के नवयुवक अवसर मिलने पर किसी भी क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।

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